गिरनार तीर्थ की रक्षा को लेकर जैन समाज का प्रदर्शन,पदाधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन
जैन समाज का गुजरात सरकार को ज्ञापन प्रेषित,पूजा के अधिकार की बहाली की उठाई मांग
(R.B) निकिता नेगी देहरादून,16 जुलाई। गुजरात स्थित गिरनार पर्वत की पंचवर्णी टोंक पर जैन समाज को पूजा-अर्चना से वंचित किए जाने के विरोध में मंगलवार को श्री दिगम्बर जैन समाज देहरादून व भारतीय जैन मिलन के तत्वावधान में जोरदार प्रदर्शन हुआ। समाज के लोगों ने जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह को सौंपते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पूजा अधिकार बहाल करने की मांग की।प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष नरेश चंद जैन ने कहा कि गिरनार पर्वत जैन धर्म की आस्था का केंद्र है। पंचवर्णी टोंक भगवान नेमिनाथ का निर्वाण स्थल है।वहाँ पर जैनों को पूजा से रोकना संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है। यह केवल एक समाज पर नहीं,बल्कि आस्था पर सीधा हमला है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 में इस स्थान को राष्ट्रीय जैन तीर्थ घोषित किया था।इसके बावजूद आज भी जैन समाज को वहाँ पूजा करने का अधिकार नहीं दिया जा रहा,जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।उन्होंने मांग की कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) एवं स्थानीय प्रशासन इस दिशा में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करें।क्षेत्रीय मंत्री डॉ.संजय जैन ने कहा कि "हम अल्पसंख्यक जैन समाज आपसे आशा रखते हैं कि आप हमारी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करेंगे। पंचवर्णी टोंक पर पूजा का अधिकार हमारा वैधानिक और धार्मिक अधिकार है,जिसे किसी भी हालत में छीना नहीं जा सकता।"प्रदर्शन व ज्ञापन कार्यक्रम में समाज के कई प्रमुख पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल रहे।प्रमुख रूप से विपिन जैन (कार्य अध्यक्ष),राजेश जैन (महामंत्री),सुनील कुमार जैन (जैन भवन के अध्यक्ष),संदीप जैन (मंत्री),प्रवीण कुमार जैन,अंकुर जैन,राजीव जैन,सचिव जैन (मानवाधिकार आयोग के),मधु जैन,संगीता जैन,मोनिका,शिल्पी जैन,संदीप जैन,पूनम,संजय जैन,प्रदीप जैन,मनीष जैन,संजीव जैन अजय जैन सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।